Operation Sindoor Controversy: कांग्रेस का आरोप: प्रोफेसर की गिरफ्तारी सोचने की सजा, नाम बनी दूसरी गलती

मोदी सरकार पर कांग्रेस का हमला – विचारशील पोस्ट पर प्रोफेसर को जेल, भाजपा मंत्रियों पर चुप्पी;

Update: 2025-05-19 06:09 GMT

Operation Sindoor Controversy: कांग्रेस ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि एक विचारशील फेसबुक पोस्ट के लिए उन्हें जेल भेजा गया, जबकि भाजपा नेताओं द्वारा सेना को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की ‘‘दोहरे मानदंडों’’ की राजनीति बताया।

हरियाणा पुलिस द्वारा अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को उनके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर की गई फेसबुक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किए जाने पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। पार्टी ने इसे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

“प्रोफेसर की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्होंने सच कहा। उनकी दूसरी गलती उनका नाम है। यही है आज के ‘नए भारत’ की सच्चाई, जहां सच्चाई बोलने पर सजा मिलती है।”

खेड़ा ने आरोप लगाया कि महमूदाबाद को हिंसा के खिलाफ एक विचारशील पोस्ट करने के लिए जेल भेजा गया, न कि किसी भड़काऊ बयान के लिए। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट दर्शाता है कि जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसे निशाना बनाया जाता है।

कांग्रेस का दोहरा मापदंडों पर हमला

पार्टी ने सवाल किया कि जहां एक शिक्षाविद को अभिव्यक्ति की आजादी के प्रयोग के लिए जेल भेजा जा सकता है, वहीं भाजपा के मंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा सेना पर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर न कोई प्राथमिकी दर्ज हुई और न ही कोई कार्रवाई हुई।

खेड़ा ने सीधे तौर पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा,

“जब भाजपा के नेता सशस्त्र बलों को लेकर विवादित बयान देते हैं, तब कोई गिरफ्तारी नहीं होती, लेकिन एक शिक्षाविद को केवल इसलिए जेल भेज दिया जाता है क्योंकि वह सच बोलता है।”

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