Chandigarh News: हाईकोर्ट ने जल विवाद में दखल से किया इनकार, केंद्रीय बल की तैनाती संभव

पंजाब-हरियाणा जल विवाद में कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए, पंजाब पुलिस हटेगी?;

Update: 2025-05-07 08:18 GMT

Chandigarh News: पंजाब-हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद पर चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने दखल देने से इनकार किया है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि राज्यों को दुश्मन देशों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने पंजाब पुलिस द्वारा नंगल डैम पर कब्जा करने और हरियाणा को पानी न छोड़ने की कार्रवाई को लेकर कड़ी टिप्पणी की और कहा कि बीबीएमबी के कार्य में दखल न हो। कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती की बात कही है।

हाईकोर्ट का रुख सख्त, पर हस्तक्षेप से इनकार

चंडीगढ़ हाईकोर्ट में मंगलवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने साफ कहा कि राज्यों के बीच दुश्मन देशों जैसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि वह जल विवाद में सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन पंजाब पुलिस बीबीएमबी के कार्यों में बाधा नहीं डाल सकती।

Chandigarh News: क्या हटेगी पंजाब पुलिस, आएगा केंद्रीय बल?

बीबीएमबी ने याचिका में मांग की थी कि नंगल डैम और लोहंद जल नियंत्रण कक्ष से पंजाब पुलिस को हटाया जाए। बोर्ड ने बताया कि 1 मई को पंजाब पुलिस ने जबरन नंगल डैम का संचालन अपने हाथ में ले लिया और हरियाणा को पानी छोड़ने से रोक दिया। अब बोर्ड ने केंद्रीय बलों की मांग की है ताकि निष्पक्ष नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।

30 अप्रैल को हुआ था जल वितरण का निर्णय

बीबीएमबी ने 30 अप्रैल को बैठक कर हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी देने का निर्णय लिया था, जिसका पंजाब ने विरोध किया। हरियाणा ने कोर्ट में कहा कि यह पानी दिल्ली और राजस्थान को भी भेजा जाना था—दिल्ली को 1,049 और राजस्थान को 850 क्यूसेक।

Chandigarh News: केंद्र सरकार और अदालत की टिप्पणियां

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने कहा कि यह जल वितरण सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि दिल्ली और राजस्थान का भी मुद्दा है। यदि किसी राज्य को आपत्ति है तो उसे कानूनी तरीके अपनाने चाहिए, न कि जबरन कब्जा। कोर्ट ने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती का विकल्प खुला है।

पंजाब सरकार की दलील

पंजाब सरकार का कहना है कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और बलों की तैनाती पर निर्णय लेना उनका विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि वेस्टर्न यमुना कैनाल की मरम्मत पूरी हो चुकी है, ऐसे में पानी की कमी का तर्क अब सही नहीं ठहरता।

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