China Pakistan Defence Deal: पाकिस्तान को J-35A देने की चीन की चाल! 600 करोड़ के जेट पर 50% छूट क्यों?

भारत से सैन्य झड़प के बाद पाकिस्तान को चीन देगा J-35A स्टील्थ फाइटर जेट, वो भी भारी डिस्काउंट के साथ — जानिए इसके पीछे की रणनीति।;

Update: 2025-05-22 10:16 GMT

China Pakistan Defence Deal: भारत के साथ हुई सैन्य भिड़ंत में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अब अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में जुट गया है। चीन इस मौके को भुनाते हुए अपने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान J-35A को पाकिस्तान को देने जा रहा है, वो भी 50% छूट के साथ। यह डील केवल रक्षा सहयोग नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ एक रणनीतिक कदम भी है।

CN पाकिस्तान को चीन देगा 50% छूट पर लड़ाकू विमान

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिनों की छोटी लेकिन तीव्र सैन्य झड़प में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी रक्षा ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पाकिस्तान एक बार फिर युद्ध की तैयारियों में लग गया है। इस बीच चीन ने पाकिस्तान को अपने अत्याधुनिक फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट J-35A देने का फैसला लिया है, वो भी भारी छूट के साथ।

China Pakistan Defence Deal: चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ और J-35A डील

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पाकिस्तान को J-35A लड़ाकू विमान 50% डिस्काउंट के साथ देने जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह सौदा पाकिस्तान की भारत के खिलाफ भूमिका के ‘इनाम’ के तौर पर देखा जा रहा है। अगस्त की शुरुआत तक पाकिस्तान को पहले 30 J-35A विमान मिलने की संभावना है।

कितनी है J-35A की कीमत?

शेनयांग द्वारा तैयार किया गया J-35A एक स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक कीमत करीब 70 मिलियन डॉलर (लगभग ₹600 करोड़) है। तुलना करें तो अमेरिका का F-35A लगभग 82.5 मिलियन डॉलर में आता है, ऐसे में J-35A को सस्ता लेकिन सक्षम विकल्प माना जा रहा है।

China Pakistan Defence Deal: J-35A की खासियतें

  • यह स्टील्थ फाइटर जेट रडार पर आसानी से नजर नहीं आता।
  • सुपरसोनिक स्पीड: लगभग 2,200 किमी/घंटा।
  • हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने में सक्षम।
  • इसमें इंटरनल वेपन सिस्टम होता है, जिससे इसकी स्टील्थ क्षमताएं और बढ़ जाती हैं।

चीन क्यों दे रहा इतना भारी डिस्काउंट?

चीन का यह कदम केवल एक रक्षा सौदा नहीं, बल्कि रणनीतिक निवेश है। पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक हालत बेहद खराब है, ऐसे में चीन उसे आर्थिक सहायता के रूप में यह सब्सिडी दे रहा है। साथ ही, भारत के खिलाफ चीन अपनी कूटनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहता है, इसलिए वह पाकिस्तान के साथ सैन्य साझेदारी बढ़ा रहा है।

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