Trump Tariff Powers: सीजफायर पर ट्रंप का टैरिफ तर्क

अमेरिकी कोर्ट में ट्रंप सरकार का दावा—भारत-पाक सीजफायर टैरिफ के बिना खतरे में पड़ सकता है;

Update: 2025-05-29 05:32 GMT

Trump Tariff Powers: टैरिफ पर अमेरिकी कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि अगर राष्ट्रपति की टैरिफ लगाने की शक्ति पर रोक लगाई गई, तो भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर टूट सकता है। कोर्ट में ट्रंप सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बिना युद्धविराम संभव नहीं था। भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि सीजफायर दो देशों की आपसी बातचीत से हुआ।

ट्रंप प्रशासन का कोर्ट में चौंकाने वाला तर्क

टैरिफ के मसले पर अमेरिका की एक अदालत में सुनवाई के दौरान ट्रंप सरकार ने हैरान करने वाला दावा किया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासनिक टीम ने कोर्ट में कहा कि अगर राष्ट्रपति की टैरिफ लगाने की शक्तियों को सीमित किया गया, तो इसका सीधा असर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम पर पड़ सकता है।

Trump Tariff Powers: टैरिफ केस की सुनवाई में ट्रंप सरकार की दलील

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिकी कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में दलील दी कि टैरिफ लगाने की आपात शक्तियाँ राष्ट्रपति के पास बनी रहनी चाहिए क्योंकि ये अमेरिका के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय रणनीति के लिए अहम हैं। 23 मई को सुनवाई के दौरान वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि 10 मई 2025 को भारत-पाकिस्तान युद्धविराम सिर्फ ट्रंप के हस्तक्षेप के चलते संभव हो पाया।

"सीजफायर को बचाने के लिए टैरिफ जरूरी"

अधिकारियों ने दावा किया कि दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को व्यापार रोकने की चेतावनी दी थी। इसके बाद ही सीजफायर संभव हुआ। ऐसे में अगर अदालत राष्ट्रपति की टैरिफ शक्तियों को सीमित करती है, तो पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की शांति और लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

Trump Tariff Powers: भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा

भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन के इस बयान को खारिज करते हुए कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर किसी बाहरी हस्तक्षेप की वजह से नहीं बल्कि आपसी बातचीत से हुआ था। भारत का यह भी कहना है कि पाकिस्तान ने खुद युद्धविराम की अपील की थी और यह पूरी प्रक्रिया द्विपक्षीय संवाद के ज़रिए पूरी हुई थी।

घटनाक्रम की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने भी हमले किए, जिनका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता का दावा करते हुए ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की थी, जिसे भारत ने नकार दिया।

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