RIC Group: रूस-भारत-चीन 'त्रिगुट' फिर से सक्रिय होगा? लावरोव ने दिए संकेत

रूसी विदेश मंत्री ने भारत-चीन तनाव के बीच RIC सहयोग की फिर बहाली की बात दोहराई;

Update: 2025-05-30 06:53 GMT

RIC Group: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस-भारत-चीन (RIC) समूह के कार्यों को पुनः आरंभ करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में हालिया नरमी के बाद यह सही समय है कि त्रिपक्षीय सहयोग को फिर से मजबूती दी जाए। लावरोव ने पश्चिमी देशों पर भारत और चीन के बीच मतभेद गहराने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।

RIC के पुनरुद्धार की पैरवी

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश रूस-भारत-चीन (RIC) समूह के ढांचे के तहत गतिविधियों को फिर से शुरू करने में गंभीर रुचि रखता है। उन्होंने ये टिप्पणी रूस के पर्म शहर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान की, जो यूरेशिया में सुरक्षा और सहयोग के विषय पर था।

लावरोव ने कहा, “मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि हम जल्द से जल्द RIC प्रारूप के तहत फिर से काम करना चाहते हैं।” उन्होंने बताया कि यह समूह पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर शुरू हुआ था और अब तक 20 से ज्यादा बार उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित कर चुका है।

RIC Group: भारत-चीन संबंधों पर नरमी और पश्चिम की साज़िश

लावरोव का यह बयान ऐसे समय आया है जब ऑपरेशन सिंदूर के चलते भारत और चीन के संबंधों में फिर से तनाव देखने को मिला है। इसके बावजूद उन्होंने संकेत दिया कि सीमा विवाद को लेकर अब कुछ समझ बन रही है, जिससे RIC वार्ता फिर से आगे बढ़ सकती है।

लावरोव ने ये भी आरोप लगाया कि NATO भारत को चीन-विरोधी खेमे में धकेलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत में हमारे मित्र इस प्रवृत्ति को एक बड़ी उकसावे के रूप में देख रहे हैं।”

ब्रिक्स बैठक और कूटनीतिक नरमी

जून 2020 के गलवान विवाद के बाद RIC समूह निष्क्रिय हो गया था, लेकिन अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (कज़ान, रूस) के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को संबंध सुधार की दिशा में एक संकेत माना गया था।

RIC Group: पश्चिमी देशों की भूमिका पर कटाक्ष

लावरोव ने हाल ही में भी कहा था कि पश्चिमी देशों की नीति एशिया में भारत और चीन को आपस में भिड़ाने की है। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक शब्दावली भी इसी रणनीति का हिस्सा है, जिससे चीन विरोधी माहौल बनाया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी शक्तियां आसियान की केंद्रीय भूमिका को भी कमजोर करना चाहती हैं, ताकि इस क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ा सकें।

क्वाड और AUKUS पर भी कड़ी प्रतिक्रिया

लावरोव लंबे समय से क्वाड (Quad) के आलोचक रहे हैं, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्वाड और AUKUS जैसे सैन्य गठबंधन एशिया में स्थिरता के बजाय टकराव की जमीन बना रहे हैं।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि रूस क्षेत्रीय स्थिरता और समावेशी सहयोग को प्राथमिकता देता है।

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