CDS Anil Chauhan: सिंगापुर में CDS चौहान का पाक को करारा जवाब

शांग्री-ला डायलॉग में भारत के रक्षा प्रमुख ने पाकिस्तान पर साधा निशाना, कहा- "तालियां दोनों हाथों से बजती हैं";

Update: 2025-05-31 06:39 GMT

CDS Anil Chauhan: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में आयोजित 22वें शांग्री-ला डायलॉग में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल बदला नहीं है, बल्कि उसने रणनीति भी बदली है। जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि अगर पड़ोसी देश से केवल शत्रुता ही मिले तो दूरी बनाए रखना ही बेहतर विकल्प है।

CDS चौहान ने सिंगापुर में दिखाई रणनीतिक सोच

सिंगापुर में आयोजित 22वें शांग्री-ला डायलॉग में हिस्सा लेते हुए भारत के CDS जनरल अनिल चौहान ने स्पष्ट कहा कि अब भारत बिना रणनीति के आगे नहीं बढ़ रहा। उन्होंने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यदि किसी रिश्ते में सिर्फ दुश्मनी मिले तो दूरी रखना ही समझदारी है।

CDS Anil Chauhan: "भारत अब आगे है, यह सोच-समझ की नीति का परिणाम है"

जनरल चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि भारत आज विकास के हर पैमाने पर पाकिस्तान से आगे निकल चुका है — चाहे वह GDP हो, सामाजिक विकास हो या मानवीय सूचकांक। उन्होंने याद दिलाया कि आजादी के समय पाकिस्तान कई मामलों में भारत से आगे था, लेकिन आज स्थिति उलट चुकी है और यह सिर्फ संयोग नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति का नतीजा है।

"तालियां दो हाथ से बजती हैं" – पाकिस्तान को याद दिलाई 2014 की पहल

जनरल चौहान ने 2014 की कूटनीतिक पहल की बात करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था, वह संबंध सुधारने की पहल थी। लेकिन अगर जवाब में केवल दुश्मनी ही मिले, तो दूरी बनाकर रखना ही सबसे बेहतर रास्ता होता है।

CDS Anil Chauhan: रक्षा इनोवेशन पर खास चर्चा में रखे विचार

शांग्री-ला डायलॉग में जनरल चौहान ने ‘भविष्य के युद्ध और युद्धकला’ विषय पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। साथ ही ‘भविष्य की चुनौतियों के लिए रक्षा नवाचार’ विषय पर विशेष सत्र में भी भाग लिया। इस दौरान उन्होंने तकनीकी और सामरिक दृष्टिकोण से भारत की तैयारियों का भी उल्लेख किया।

द्विपक्षीय बैठकों में बढ़ा सैन्य सहयोग का दायरा

कार्यक्रम के दौरान CDS चौहान ने ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इंडोनेशिया, सिंगापुर जैसे कई देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की। इन बैठकों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सैन्य सहयोग, सुरक्षा साझेदारी और साझा खतरों से निपटने पर विस्तृत चर्चा हुई।

CDS Anil Chauhan: भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को मिली नई मजबूती

जनरल अनिल चौहान ने अमेरिका के INDOPACOM कमांडर एडमिरल सैमुअल जे. पापारो से भी मुलाकात की। दोनों के बीच ऑपरेशन सिंदूर, क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताएं और मिलिट्री-टू-मिलिट्री सहयोग पर विस्तृत चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय चुनौतियों से मिलकर निपटने के संकल्प को दोहराया।

चीन की रणनीति में बदलाव, रक्षा मंत्री नहीं भेजा

इस बार चीन ने अपने रक्षा मंत्री को सम्मेलन में नहीं भेजा है, जो एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। उनकी जगह PLA की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ है। सम्मेलन में ताइवान और दक्षिण चीन सागर के मुद्दों पर अमेरिका-चीन के बीच संभावित तनाव पर विशेष चर्चा हुई।

CDS Anil Chauhan: मैक्रों का ऐतिहासिक उद्घाटन भाषण

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इस बार उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया गया, जो इस सुरक्षा मंच के इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने सिंगापुर के साथ फ्रांस के 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों को भी रेखांकित किया।

तीन दिवसीय सम्मेलन में वैश्विक सुरक्षा पर फोकस

इस बार के शांग्री-ला डायलॉग में 47 देशों के प्रतिनिधि, जिनमें 40 से अधिक मंत्री-स्तर के नेता शामिल हैं, ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में सात पूर्ण सत्र और तीन विशेष सत्र आयोजित हुए, जहां एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, सहयोग और रणनीतियों पर चर्चा की गई।

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