Himachal News Today: हिमाचल में हटेंगे 60 साल पुराने पुल, नए होंगे तैयार
प्रदेश सरकार ने पुलों के ऑडिट के बाद लिया बड़ा फैसला, 28 नए बैली ब्रिज खरीदे;
सार
Himachal News Today। हिमाचल प्रदेश में अब जर्जर और पुराने पुलों की जगह पर नए मजबूत पुल बनाए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा पुलों का ऑडिट करवाया गया, जिसमें कई पुलों की हालत बेहद खराब पाई गई। आपदा में क्षतिग्रस्त पुलों के लिए 28 बैली ब्रिज खरीदे गए हैं।
60-70 साल पुराने पुलों को हटाने की योजना
हिमाचल प्रदेश में कई पुल 60 से 70 साल पुराने हो चुके हैं, जिनकी नींव अब कमजोर हो गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा हाल ही में पुलों का ऑडिट करवाया गया, जिसमें पाया गया कि कई पुल बार-बार मरम्मत की मांग कर रहे हैं और अब उपयोग लायक नहीं बचे हैं। इन्हें हटाकर नए और सुरक्षित पुलों का निर्माण किया जाएगा।
Himachal News Today: 28 बैली ब्रिज से होगी अस्थायी राहत
प्रदेश सरकार ने 28 बैली ब्रिज खरीद लिए हैं, जिन्हें आपदा प्रभावित इलाकों में तत्काल राहत के तौर पर लगाया जाएगा। जहां पुल टूट गए हैं, वहां इन ब्रिजों को अस्थायी रूप से स्थापित किया जाएगा, ताकि यातायात बाधित न हो।
प्रदेश में 300 से अधिक वाहन योग्य पुल
हिमाचल में 300 से ज्यादा ऐसे पुल हैं जिनसे प्रतिदिन वाहन गुजरते हैं। सरकार ने जोन, मंडल और उपमंडल स्तर पर इंजीनियरों की टीमें गठित की थीं, जिन्होंने पुलों की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की है।
Himachal News Today: 2023 की आपदा में क्षतिग्रस्त 21 पुलों का होगा पुनर्निर्माण
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि वर्ष 2023 की आपदा में जो 21 पुल क्षतिग्रस्त हुए थे, उनका निर्माण फिर से किया जाएगा। ये कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGAY) फेज-3 के तहत किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 140.90 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें से 126.81 करोड़ केंद्र और 14.09 करोड़ प्रदेश सरकार वहन करेगी।
किन जिलों में होंगे नए पुल
हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी जैसे जिलों में ये नए पुल बनाए जाएंगे, जिससे यातायात और स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी।
Himachal News Today: कुल्लू में पुल निरीक्षण को पहुंचेंगे मंत्री
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जल्द ही कुल्लू जिले के सैंज-ओट-लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग-305 के पास टूटे हुए पुल का निरीक्षण करेंगे। यह पुल 1970 में बना था और हाल ही में ढह गया है। जब तक यहां स्थायी RCC पुल नहीं बनता, तब तक बैली ब्रिज स्थापित किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।