Himachal News Today: भाजपा नेता ने की राज्यपाल से शिकायत, सीबीआई जांच की मांग
देहरा उपचुनाव में भ्रष्टाचार के आरोप, महिला मंडलों को बांटे गए पैसे को बताया चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन;
सार
Himachal News Today। देहरा उपचुनाव में हार के बाद भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने आरोप लगाए हैं कि चुनाव के दौरान नियमों को दरकिनार कर सरकारी संस्थाओं के जरिए धन वितरण हुआ। उन्होंने इसे मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास बताया और राज्यपाल को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है।
शिकायत में लगाए गंभीर आरोप
देहरा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी और दो बार निर्दलीय विधायक रह चुके होशियार सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर की जीत को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को एक शिकायत पत्र भेजकर सीबीआई जांच की मांग की है।
Himachal News Today: महिला मंडलों को चुनाव के दौरान बांटे गए पैसे
होशियार सिंह का आरोप है कि कांगड़ा सहकारी बैंक द्वारा चुनाव के दौरान देहरा क्षेत्र की महिला मंडलों को 50,000 रुपये प्रति मंडल जारी किए गए, जब आचार संहिता लागू थी। उन्होंने इसे चुनावी नियमों का उल्लंघन बताया और कहा कि यह धनराशि सिर्फ देहरा क्षेत्र में ही वितरित की गई।
सूचना नहीं देने का भी आरोप
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे की जानकारी के लिए उन्होंने RTI (सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत दो आवेदन दिए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके अलावा भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने भी विधानसभा में इसी विषय पर प्रश्न उठाया, लेकिन वहां से भी कोई उत्तर नहीं दिया गया।
Himachal News Today: जिला कल्याण कार्यालय पर भी सवाल
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि जिला कल्याण विभाग द्वारा लगभग 1,000 महिलाओं को 4500 रुपये वितरित किए गए, जो प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं को प्रभावित करने की मंशा को दर्शाता है।
चुनावी परिणाम को अवैध घोषित करने की मांग
होशियार सिंह ने मांग की है कि देहरा उपचुनाव के नतीजे को अवैध करार दिया जाए और कमलेश ठाकुर को छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाए।Himachal News
Himachal News Today: भ्रष्टाचार और रिश्वत का आरोप
उनका कहना है कि ये सारे भुगतान चुनाव के दौरान प्रलोभन के रूप में किए गए जो कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष और गहन जांच आवश्यक है ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे और जिम्मेदारों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सके।
जिम्मेदार कौन?
उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री, कांगड़ा सहकारी बैंक की अध्यक्ष कमलेश कुमारी, और जिला कल्याण अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है, और उनका आचरण एक तरह से चुनावी रिश्वतखोरी के समान है।