Chandigarh News: बीबीएमबी कार्य में रुकावट प्रशासन की नहीं, भीड़ की वजह से: पंजाब सरकार
पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में दी दलील, कहा- बीबीएमबी के काम में बाधा भीड़ के कारण, प्रशासन नहीं था जिम्मेदार;
Chandigarh News: पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद को लेकर बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक ग्राम पंचायत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने बीबीएमबी के काम को लेकर तत्कालिक संकट खत्म मानते हुए अगली सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद 8 जुलाई को निर्धारित की।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमीत गोयल की खंडपीठ के समक्ष पंजाब सरकार ने यह तर्क रखा कि बीबीएमबी के कामकाज को रोका प्रशासन ने नहीं बल्कि घटनास्थल पर उपस्थित भीड़ ने बाधित किया।
यह दलील ऐसे समय आई है जब करीब एक माह पूर्व बीबीएमबी के चेयरमैन ने अदालत को बताया था कि उन्हें आम जनता ने संस्थान से बाहर कर दिया था। उस समय अदालत ने इसे “अविश्वसनीय” बताया था और बीबीएमबी के कार्य में बाधा डालने को अदालत की अवमानना मानी थी।
बीबीएमबी की ओर से जताई गई चिंता
बीबीएमबी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश गर्ग ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मामले में देरी समस्याएं और बढ़ा सकती है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि सुनवाई अवकाश के बाद होगी तो जून माह में भी वही स्थिति फिर से उत्पन्न हो सकती है।
उन्होंने कहा, “पुलिस बल मौजूद होने के बावजूद स्थिति जस की तस है। प्रशासन कह रहा है कि वे किसी को रोक नहीं रहे, लेकिन हम रोज नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”
Chandigarh News: केंद्रीय बल तैनाती पर टिप्पणी
भाखड़ा और नंगल डैम पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के सवाल पर राजेश गर्ग ने बताया कि इसके लिए एक उचित ढांचे की आवश्यकता होगी, जिसमें करीब डेढ़ से दो महीने का वक्त लगेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए बीबीएमबी को 8 करोड़ रुपये की राशि अग्रिम जमा करनी होगी।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने भी इस बात की पुष्टि की, बशर्ते बीबीएमबी राशि का भुगतान करे।
पंजाब सरकार का जवाब तैयार
पंजाब सरकार की ओर से अदालत को सूचित किया गया कि मुख्य सचिव और डीजीपी का विस्तृत जवाब तैयार है और सभी पक्षों को शीघ्र ही उसकी प्रतिलिपि प्रदान कर दी जाएगी।
अब यह मामला 8 जुलाई को दोबारा सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।