Air Raid Siren India: भारत-पाक तनाव के बीच एयर रेड सायरन मॉक ड्रिल 7 मई को

तनाव के हालात में कैसे काम करता है एयर रेड सायरन, जानिए बचाव के जरूरी उपाय;

Update: 2025-05-06 06:48 GMT

Air Raid Siren India: भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने 7 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन करने का फैसला किया है जिसमें एयर रेड वॉर्निंग सायरन का परीक्षण किया जाएगा। इसका मकसद आम लोगों को यह सिखाना है कि हवाई हमले की स्थिति में किस तरह से सुरक्षित जगह पर पहुंचा जाए। इस अलर्ट सिस्टम से कुछ सेकंड पहले लोगों को चेतावनी मिलती है ताकि वे जान बचाने के उपाय कर सकें।

केंद्र सरकार ने तेज की सुरक्षा तैयारी

भारत-पाक तनाव के बढ़ने के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सिविल डिफेंस की तैयारियों को पुख्ता करने का निर्देश दिया है। इसी कड़ी में 7 मई को एक मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है, जिसमें एयर रेड वॉर्निंग सायरन का उपयोग किया जाएगा। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित रहने के तरीके सिखाना है।

Air Raid Siren India: क्या होता है एयर रेड वॉर्निंग सायरन?

एयर रेड सायरन एक चेतावनी प्रणाली है जो दुश्मन के हमले से कुछ सेकंड पहले लोगों को सतर्क करने का काम करता है। जैसे ही किसी दुश्मन देश की ओर से मिसाइल, रॉकेट या फाइटर जेट भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करता है, वायुसेना के रडार उसे पकड़ लेते हैं और संभावित टारगेट इलाके में अलर्ट भेज दिया जाता है। इस चेतावनी के जरिए सायरन बजाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का मौका दिया जाता है।

कैसे करें हवाई हमले से बचाव?

पूर्व DIG एस.एस. गुलेरिया के अनुसार, भारत के कई शहरों में ऐसे मजबूत निर्माण हैं जो हवाई हमले के समय लोगों को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर हैं और सायरन सुनाई दे तो तुरंत किसी सबवे या अंडरपास में चले जाएं। ये स्थान आमतौर पर मजबूत बनाए जाते हैं और हवाई हमले के दौरान सुरक्षित ठिकाने साबित हो सकते हैं।

यदि आप खुले में हैं तो किसी मजबूत फ्लाईओवर के नीचे चले जाएं। अगर आप किसी इमारत में हैं तो खिड़कियों से दूर और मजबूत दीवारों के बीच मौजूद कमरे, जैसे बाथरूम, में चले जाएं। ये जगहें सबसे ज्यादा संरक्षित मानी जाती हैं।

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