Shimla Mosque Case | हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली में जिस अवैध मस्जिद का निर्माण किया गया था उसको ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था लेकिन तय समय में ध्वस्त न करने पर कमिश्नर कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को फटकार लगाई है। Shimla Mosque Case अब मस्जिद कमेटी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगले दो महीने यानी 15 मार्च तक मस्जिद के सभी अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाए। बीते शनिवार सुबह नगर निगम कमिश्नर भूपेंद्र अत्री की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
कमिश्नर ने पूछा कि अब तक कितना अवैध निर्माण ध्वस्त किया जा चुका है। इस संबंध में निगम के जूनियर इंजीनियर ने कोर्ट को बताया कि मस्जिद के तीन अवैध फ्लोर ध्वस्त करने के आदेश दिए गए थे जिनमे से अभी तक सिर्फ आधा काम ही पूरा हो पाया है। अभी तक पूरा अवैध निर्माण नहीं हटाए जा सका है।
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कमिश्नर भूपेंद्र अत्री ने सवाल उठाया कि अगर मस्जिद कमेटी ने खुद ही दो महीने के अंदर अपना अवैध निर्माण को तोड़ने का बोलै था तो अभी तक यह काम क्यों नहीं किया गया। पूरी अवैध इमारत को क्यों नहीं गिराई गया ? क्या यह कोई मजाक का विषय है? मस्जिद कमेटी ने दलील दी कि कमिश्नर कोर्ट के मस्जिद को तोड़ने के आदेश के एकदम बाद काम शुरू कर दिया गया था।
ऊपर की दो मंजिलों को तोड़ा जा चूका है लेकिन अभी ठंड के कारण फिलहाल कोई मजदूर उपलब्ध नहीं है और जो मजदूर काम कर पर लगे हुए थे, वे अपने गांव वापस चले गए हैं। समिति ने इस कार्य को पूरा करने के लिए और समय मांगा है। 15 मार्च तक कमिश्नर कोर्ट ने मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है।