Pahalgam News: SC की फटकार: क्या सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका को फटकारते हुए कहा — यह समय संवेदनशील है, क्या आप सुरक्षाबलों का मनोबल तोड़ना चाहते हैं?;
Pahalgam News: सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल पूछा कि क्या वह सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहता है। यह सुनवाई एक बेहद संवेदनशील समय में हुई जब आतंकी हमले की जांच में कई अहम सुराग सामने आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ता ने अंततः अपनी याचिका वापस ले ली।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: मनोबल तोड़ने वाली याचिका पर फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम हमले की जांच को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह वक्त बेहद अहम है, और ऐसे समय में सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ना बेहद गैरजिम्मेदाराना है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने तल्ख लहजे में कहा — "यह गंभीर मुद्दा है, आप क्या सुरक्षाबलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?"
Pahalgam News: क्या रिटायर्ड जज जांच के लिए उपयुक्त हैं?
याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन कर हमले की जांच करवाई जाए। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या रिटायर्ड जज ऐसे आतंकी हमले जैसे मामलों की गहराई से जांच कर सकते हैं? कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई और अंत में याचिका वापस ली गई।
Pahalgam News: क्या थी याचिका में मांग?
इस याचिका में निम्नलिखित मांगें की गई थीं:
- सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन।
- केंद्र, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, CRPF और NIA को टूरिस्ट इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश।
NIA की जांच में मिले अहम सुराग
NIA की जांच में सामने आया है कि हमलावर 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच चुके थे। जांच में पता चला कि आतंकियों के पास सैटेलाइट फोन थे और वे हमले से दो दिन पहले बैसरन घाटी में मौजूद थे। जांच में यह भी सामने आया कि उनके निशाने पर पहलगाम के अलावा तीन अन्य लोकेशन भी थीं।
Pahalgam News: कौन है हाशिम मूसा: हमले का मास्टरमाइंड?
हाशिम मूसा, जो पहले पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री में कमांडो था, बाद में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक वह सितंबर 2023 में भारत में घुस आया और कश्मीर के बडगाम जिले में सक्रिय हो गया।
मूसा को अर्धसैनिक और खुफिया अभियानों में विशेषज्ञ माना जाता है। जांच में गिरफ्तार 14 संदिग्धों ने मूसा की भूमिका की पुष्टि की है। इन लोगों पर आतंकियों को सामान पहुंचाने और घटना की रेकी करने के आरोप हैं।