Anna University Rape Case: अन्ना यूनिवर्सिटी दुष्कर्म केस के दोषी को उम्रकैद और जुर्माना
चेन्नई की महिला अदालत का बड़ा फैसला, अभियोजन पक्ष ने साबित किए थे 11 गंभीर आरोप;
Anna University Rape Case: तमिलनाडु के बहुचर्चित अन्ना यूनिवर्सिटी दुष्कर्म मामले में आरोपी ए. ज्ञानसेकरन को चेन्नई की महिला अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर ₹90,000 का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने साफ किया कि उसे कम से कम 30 साल की सजा जेल की काल कोठरी में भुगतनी होगी। इस केस ने न सिर्फ सामाजिक हलकों में, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी थी।
कोर्ट का सख्त रुख, उम्रकैद के साथ जुर्माना भी
चेन्नई की विशेष महिला अदालत की न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने 28 मई को आरोपी ज्ञानसेकरन को दोषी ठहराया था। सोमवार को सजा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी। आरोपी पर 11 आरोपों में दोष सिद्ध हुए, जिनमें हर एक के लिए उसे अलग-अलग सजा दी गई, लेकिन सभी सजाएं एकसाथ चलने के आदेश के साथ दी गई हैं।
Anna University Rape Case: क्या था पूरा मामला?
यह मामला 23 दिसंबर 2024 को चेन्नई स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी में सामने आया, जहां इंजीनियरिंग की एक छात्रा के साथ यौन शोषण हुआ था। पीड़िता ने स्वयं पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन शुरुआती तौर पर पुलिस की कार्रवाई बेहद सुस्त रही। मामला जब सोशल मीडिया पर सामने आया, तब प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू की गई। आरोपी की पहचान 37 वर्षीय ज्ञानसेकरन के रूप में हुई, जो यूनिवर्सिटी कैंपस के पास बिरयानी बेचने का काम करता था।
सोशल मीडिया के दबाव में हरकत में आई पुलिस
शुरुआत में पुलिस द्वारा इस संवेदनशील केस को हल्के में लिए जाने के चलते लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। सोशल मीडिया पर जब लोगों ने सवाल उठाने शुरू किए, तब जाकर पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार किया। इस मामले ने चेन्नई समेत पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था।
Anna University Rape Case: केस ने राजनीतिक मोड़ भी लिया
- इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी चर्चा बटोरी। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरोपी ज्ञानसेकरन की तस्वीर डीएमके नेता और मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन के साथ साझा करते हुए यह दावा किया कि आरोपी का संबंध सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके से है।
- एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी ने इस केस को लेकर सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि, “क्या तमिलनाडु में अब कानून सिर्फ विपक्षियों पर ही लागू होता है? सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोगों के लिए क्या कोई नियम नहीं?”