Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में भगदड़: जश्न के दौरान मची अफरा-तफरी में गई कई जानें
आरसीबी की जीत का जश्न मातम में बदला, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में कई लोगों की मौत, VIP मेहमानों की खातिरदारी में व्यस्त रहा प्रशासन;
Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल ट्रॉफी जीत के जश्न के दौरान हुए हादसे में अफरातफरी मच गई। भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ के चलते दस से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस बीच, आयोजन स्थल पर वीआईपी व्यवस्था में मंत्री के बेटों को मंच तक पहुंचाने में प्रशासन मशगूल रहा। घटना को लेकर एफआईआर तो दर्ज हुई, लेकिन किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया।
हादसे की पूरी कहानी: कैसे मचा कोहराम
बुधवार शाम कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी के विजय जुलूस को देखने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े। अनुमानित 3 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर आ गए। 35 हजार की क्षमता वाले स्टेडियम से बाहर भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई, और भगदड़ मच गई। इसमें 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए।
Bengaluru Stampede: एक ओर मौतें, दूसरी ओर VIP के लिए मंच की तैयारी
जब बाहर आम जनता जान बचाने के लिए भाग रही थी, उसी समय प्रशासन की ओर से मंत्री के बेटे को विराट कोहली के साथ मंच पर खड़ा करने की तैयारी चल रही थी। विधान सौध में सरकारी कार्यक्रम होते हुए भी नेताओं के परिवार को विशेष अनुमति मिली, जिससे नाराजगी और भी बढ़ी।
आरसीबी की प्रतिक्रिया
आरसीबी ने बयान जारी कर घटना पर शोक जताया। उन्होंने कहा,
"हम बेंगलुरु में भीड़ के कारण हुई घटनाओं से दुखी हैं। लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। जैसे ही हमें जानकारी मिली, हमने कार्यक्रम में बदलाव कर स्थानीय प्रशासन से निर्देश लिए।"
Bengaluru Stampede: मुख्यमंत्री का बयान: ‘अप्रत्याशित’ घटना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हादसे को अप्रत्याशित बताया और क्रिकेट एसोसिएशन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि किसी को इस तरह के हादसे की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा,
"महाकुंभ में भी भगदड़ हुई थी, इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। गेट टूटने से हादसा हुआ।"
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता और सभी घायलों के नि:शुल्क इलाज की घोषणा की।
FIR दर्ज, लेकिन कोई नामजद नहीं
पुलिस ने इस हादसे को लेकर एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन अभी तक किसी व्यक्ति या संस्था को आरोपी नहीं बनाया गया है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस लापरवाही का कोई जिम्मेदार नहीं?