Earthquake Today: पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान, तुर्की और चीन में भूकंप के झटकों ने लोगों को हिला कर रख दिया है। इन तीनों देशों ने हाल ही में भारत के खिलाफ बयानबाज़ी या समर्थन के रूप में एकजुटता दिखाई थी। अब सोशल मीडिया पर इन भूकंपों को “प्रकृति की चेतावनी” बताया जा रहा है। पाकिस्तान में तीन भूकंप, तुर्की में 5.2 तीव्रता का भूकंप और फिर चीन में 4.5 तीव्रता का भूकंप – सब एक हफ्ते के भीतर आए हैं।
भारत के विरोधी देशों में एक के बाद एक भूकंप के झटके
भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान, तुर्की और चीन—तीनों देशों ने हाल ही में भारत के खिलाफ खड़े होकर सहयोग जताया था। इसी दौरान इन देशों में भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं, जिससे सोशल मीडिया पर इसे ‘प्राकृतिक न्याय’ कहा जा रहा है।
Earthquake Today: पाकिस्तान में लगातार तीन दिन तक कांपी धरती
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ शुरू किया। इसके बीच पाकिस्तान में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए।
- 10 मई को सुबह दो झटके आए जिनकी तीव्रता क्रमशः 4.7 और 4.0 मापी गई।
- 12 मई को फिर से 4.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
इन झटकों का केंद्र पाकिस्तान के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र रहे। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि यह हिमालय क्षेत्र की टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल का नतीजा है, जो सामान्य भौगोलिक प्रक्रिया है।
तुर्की में भी धरती हिली, अंकारा तक असर
15 मई की शाम तुर्की में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गूंज राजधानी अंकारा तक सुनाई दी। यह झटका ग्रीस के फ्राई क्षेत्र में आए 6.1 तीव्रता के भूकंप के बाद महसूस हुआ।
हालांकि कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन डर का माहौल फैल गया। इससे पहले अप्रैल में इस्तांबुल सहित अन्य क्षेत्रों में भी 5.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ था।
तुर्की एक अत्यधिक भूकंप-संवेदनशील देश है क्योंकि यह कई सक्रिय टेक्टोनिक फॉल्ट लाइनों पर स्थित है। फरवरी 2023 में तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में 59,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
Earthquake Today: चीन में लगातार दूसरे भूकंप ने बढ़ाई चिंता
16 मई को चीन के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में 4.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र 25.05°N और 99.72°E अक्षांश-देशांतर पर 10 किमी की गहराई में था।
इससे पहले 12 मई को भी तिब्बत और अन्य हिस्सों में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जो केवल 9 किमी गहराई पर था। वैज्ञानिकों का कहना है कि कम गहराई पर आने वाले भूकंप अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि उनकी तरंगें जल्दी सतह तक पहुंचती हैं।
चीन यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे अधिक भूकंप संभावित देशों में से एक बनाता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
इन भूकंपों के बाद भारत में सोशल मीडिया पर कई तरह के मीम्स और प्रतिक्रियाएं वायरल हो रही हैं। लोग इन घटनाओं को “प्रकृति का न्याय” या “कुदरत का इशारा” बता रहे हैं। हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सभी घटनाएं टेक्टोनिक प्लेट्स की नियमित हलचल का हिस्सा हैं।