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Thursday, 14 August, 2025

Ayodhya News: अयोध्या राम मंदिर प्रसाद घोटाला: 3.85 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा

Ayodhya News: अयोध्या पुलिस ने राम मंदिर प्रसाद के नाम पर करोड़ों की ऑनलाइन ठगी का खुलासा किया है। आरोपी ने खुद को प्रोफेसर बताकर एक फर्जी वेबसाइट बनाई और देश-विदेश से प्रसाद के नाम पर 3.85 करोड़ रुपये की ठगी की। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब तक 2.15 करोड़ की राशि वापस की जा चुकी है।

साइबर फ्रॉड की कहानी: राम मंदिर प्रसाद बना ठगी का जरिया

अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ी आस्था को निशाना बनाते हुए एक बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है। आरोपी आशीष सिंह ने खुद को एक प्रोफेसर बताकर khadiorganic.com नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई, जहां राम मंदिर का प्रसाद, सिक्के और प्रतीकात्मक वस्तुएं बेचने का दावा किया गया। इसके लिए 51 रुपये भारत में और अमेरिकी डॉलर में अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं से शुल्क लिया गया।

Ayodhya News: 19 दिसंबर से 12 जनवरी तक लाखों लोग बने शिकार

यह फर्जीवाड़ा 19 दिसंबर 2023 से 12 जनवरी 2024 तक चला, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने वेबसाइट के झांसे में आकर ऑर्डर दिए। इस धोखाधड़ी के माध्यम से कुल 3.85 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

अमेरिका से चल रहा था ऑपरेशन, भारत लौटते ही गिरफ्तारी

आरोपी आशीष सिंह गाजियाबाद के इंदिरापुरम का रहने वाला है और उस समय अमेरिका में रह रहा था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शिकायत के बाद अयोध्या साइबर क्राइम टीम ने कार्रवाई की। आरोपी 13 जनवरी को भारत लौटा और अयोध्या भी गया, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

Ayodhya News: साक्ष्य बरामद: लैपटॉप, मोबाइल, दस्तावेज जब्त

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी के पास से लैपटॉप, दो आईफोन, 13,970 रुपये नकद, भारतीय और अमेरिकी पहचान पत्र, वाशिंगटन ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ कार्ड और कई अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

पुलिस की कार्रवाई: करोड़ों की रिकवरी, बाकी प्रयास जारी

अयोध्या साइबर सेल ने अब तक 3.72 लाख पीड़ितों में से 2.15 करोड़ रुपये की राशि रिकवर कर संबंधितों को वापस की है। शेष 1.70 करोड़ रुपये की वसूली के प्रयास जारी हैं। इस कार्यवाही को अयोध्या एसएसपी गौरव ग्रोवर ने “आस्था आधारित ठगी का उदाहरण” बताया।

सावधानी जरूरी: ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचें

एसएसपी गौरव ग्रोवर ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन धार्मिक लेन-देन करते समय विशेष सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा कि यह मामला डिजिटल सतर्कता का सबक है और धार्मिक आस्था के नाम पर कभी भी लापरवाही न करें। साइबर टीम की तत्परता के लिए उन्हें 15,000 रुपये का इनाम भी दिया गया।

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