Bihar News: बिहार के गया जिले के बारा गांव में 1992 में जो हुआ, उसने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था। एक ही रात में 34 लोगों को चुन-चुन कर मार डाला गया। हत्यारे पहले गोलियां चलाते, फिर गर्दन काट देते। यह घटना राज्य के इतिहास के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक मानी जाती है।
बारा गांव की वह भयावह रात
गया जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर टेकरी ब्लॉक के पास बसा है बारा गांव। आज यह इलाका शांत है, लेकिन 1992 की वह रात यहां के लोगों की यादों में आज भी खौफ बनकर बसी है। उस दिन गांव में ऐसी दर्दनाक घटना घटी थी, जिसने पूरे बिहार को दहला दिया था।
Bihar News: कैसे रची गई थी साजिश
नक्सली संगठन से जुड़े हमलावरों ने गांव में घुसकर 34 लोगों को एक-एक करके मार डाला। जिन्हें भागने की कोशिश करते देखा, पहले उन्हें गोली मारी, फिर गला रेता गया। हत्याकांड इतनी बर्बरता से अंजाम दिया गया कि पूरा इलाका सहम गया।
एक ही वर्ग के लोगों को बनाया निशाना
मारे गए सभी लोग समाज के एक विशेष वर्ग से थे। यही कारण है कि इस वारदात को साधारण हत्याकांड न मानते हुए ‘नरसंहार’ की संज्ञा दी गई। पीड़ित परिवार आज भी न्याय की आस लगाए बैठे हैं।
Bihar News: आज भी मौजूद हैं उस रात के निशान
घटना को बीते 33 साल हो चुके हैं, लेकिन बारा गांव के लोग आज भी उस रात को नहीं भूले हैं। गांव के बुजुर्ग उस घटना को याद कर आज भी सिहर उठते हैं। प्रशासन ने बाद में मामले की जांच कर कई आरोपियों को सजा भी दिलाई।