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हिमाचल प्रदेश

Shimla Agreement: शिमला समझौता खत्म पाक की बड़ी भूल, भारत को मिला चुंब वापसी का मौका

Chavi Sharma
5 Jun 2025 1:45 PM IST
Shimla Agreement: शिमला समझौता खत्म पाक की बड़ी भूल, भारत को मिला चुंब वापसी का मौका
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने शिमला समझौते को बताया "Dead Document", भारत के लिए बना नया रास्ता

Shimla Agreement: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 1972 के शिमला समझौते को खत्म घोषित कर दिया है। उनके अनुसार, अब यह दस्तावेज निष्क्रिय हो चुका है। इस घोषणा के बाद भारत को चुंब सेक्टर को फिर से अपने नियंत्रण में लेने का कानूनी और रणनीतिक आधार मिल सकता है। चुंब, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का हिस्सा है और सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।

पाकिस्तान ने शिमला समझौता तोड़ा, भारत को मिला कूटनीतिक फायदा

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ 1972 का शिमला समझौता अब पूर्ण रूप से निष्क्रिय (Dead Document) है। उन्होंने कहा कि अब LoC को केवल सीजफायर लाइन माना जाएगा और भारत-पाक के संबंध पुराने दौर की स्थिति में लौट चुके हैं। इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ बहुपक्षीय मुद्दे उठाने का अवसर मिल सकता है।

Shimla Agreement: चुंब सेक्टर पर फिर से भारत का अधिकार संभव

चुंब सेक्टर, जो वर्तमान में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आता है, 1971 की जंग के बाद पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया था। लेकिन 1949 और 1965 की स्थितियों के अनुसार यह क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा था।

शिमला समझौते के तहत भारत ने इस पर दावा छोड़ दिया था, लेकिन अब जब पाकिस्तान ने खुद इस समझौते को खत्म कर दिया है, तो भारत के पास चुंब को फिर से अपने अधीन करने का राजनीतिक और सैन्य विकल्प खुल गया है।

चुंब का रणनीतिक महत्व

चुंब सेक्टर न केवल कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे लेह-लद्दाख क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी बेहद अहम है। पाकिस्तान ने न केवल इस क्षेत्र का नाम बदलकर इफ्तिकाराबाद रखा बल्कि वहां के निवासियों को भारत में पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया।

अब, भारत के पास इस क्षेत्र को फिर से एकीकृत करने की मजबूत संभावनाएं बन चुकी हैं।

Shimla Agreement: भारत के पास पहले से था नियंत्रण – शिमला समझौते ने छीना

1965 के युद्ध में भारत ने चुंब पर फिर से कब्जा कर लिया था, लेकिन 1971 की जंग में यह फिर पाकिस्तान के हाथ चला गया और शिमला समझौते में इसे मान्यता दे दी गई। अब जब पाकिस्तान ने इसे खारिज कर दिया है, तो भारत को इसका सीधा लाभ मिल सकता है।

भारत के पास और भी क्षेत्र हुए थे शामिल

शिमला समझौते के बाद भारत के हिस्से में चोरबाट घाटी सहित लगभग 883 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आया था, जो अब लद्दाख का हिस्सा है। यह भारत की कूटनीतिक जीत थी, जिसे पाकिस्तान की हालिया घोषणा और भी मजबूत बना सकती है।

Chavi Sharma

Chavi Sharma

Chavi Sharma is a senior content writer at Hindustan Reality with over 13 years of experience in content creation, blogging, and digital storytelling. Passionate about accurate and impactful journalism, she now brings her expertise to news writing — covering the latest updates from Himachal Pradesh with clarity and responsibility.

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