Himachal News Today | हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उस सरकारी आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसमें अनुबंध अवधि के दौरान जेबीटी शिक्षकों को दी गई वेतन वृद्धि और पेंशन लाभ को रद्द किया गया था।
विस्तृत जानकारी
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 20 मार्च 2025 के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत अनुबंध अवधि में जेबीटी शिक्षकों को दी गई वेतन वृद्धि और पेंशन से जुड़े लाभों को वापस लेने का निर्णय लिया गया था। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने की। अदालत ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
सरकार द्वारा यह निर्णय लेने के बाद, जिन शिक्षकों को ये लाभ पहले ही दिए जा चुके थे, उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। अब इसी वसूली के आदेश पर उच्च न्यायालय ने स्थगन लगा दिया है। बुधवार को अदालत में टीजीटी और जेबीटी शिक्षकों से जुड़े लगभग 150 याचिकाएं दाखिल की गईं।
अनुबंध सेवा अवधि को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षकों को मिलेगी राहत : Himachal News Today
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता वर्ष 1997 में अनुबंध आधार पर जेबीटी पदों पर नियुक्त किए गए थे। वर्ष 2006 में इनकी सेवाएं नियमित कर दी गईं, लेकिन सरकार ने अनुबंध अवधि को वेतन वृद्धि और पेंशन लाभ के लिए मान्यता नहीं दी। इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
‘जगदीश चंद’ केस में कोर्ट ने अनुबंध सेवा को वेतन वृद्धि और पेंशन की गणना के लिए मान्य माना था। इसके आधार पर शिक्षा विभाग ने जेबीटी शिक्षकों को वित्तीय लाभ देना शुरू किया था। हालांकि, हाल ही में सरकार ने इस लाभ को वापस लेने का फैसला किया और संबंधित शिक्षकों से राशि की वसूली शुरू कर दी। इसी आदेश को चुनौती देने पर अब हाईकोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए राहत दी है।