Canada News: गीता पर शपथ लेने वाली कनाडा की पहली हिंदू विदेश मंत्री बनीं अनीता आनंद
कनाडा की राजनीति में ऐतिहासिक पल, अनीता आनंद को विदेश मंत्रालय की कमान;
Canada News: कनाडा में हुए बड़े मंत्रिमंडल फेरबदल में भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली। यह पहली बार है जब किसी हिंदू महिला को कनाडा के विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अनीता इससे पहले रक्षा और ट्रांसपोर्ट मंत्री भी रह चुकी हैं।
कनाडा की विदेश मंत्री बनीं अनीता आनंद, गीता पर रखकर ली शपथ
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने 13 मई को अपने मंत्रिमंडल में व्यापक बदलाव की घोषणा की, जिसके तहत भारतीय मूल की अनीता आनंद को कनाडा की नई विदेश मंत्री नियुक्त किया गया। अनीता ने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली और इतिहास रचते हुए कनाडा की पहली हिंदू महिला विदेश मंत्री बन गईं।
उन्हें यह जिम्मेदारी मिलने पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।
Canada News: शपथ लेते समय अनीता ने क्या कहा?
शपथ समारोह के दौरान अनीता ने कहा,
"कनाडा की विदेश मंत्री नियुक्त होकर मैं गौरव का अनुभव कर रही हूं। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और पूरी टीम के साथ मिलकर मैं वैश्विक स्तर पर शांति और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करूंगी।"
पूर्व विदेश मंत्री मेलानी जोली को अब उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
कौन हैं अनीता आनंद?
अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को कनाडा के कैटविल, नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय डॉक्टर थे—मां सरोज डी. राम पंजाब से और पिता सुंदरम वी. आनंद तमिलनाडु से ताल्लुक रखते थे।
उनकी दो बहनें हैं—गीता, जो रोजगार वकील हैं, और सोनिया, जो डॉक्टर व रिसर्चर हैं। अनीता का मिडल नेम इंदिरा है, जो उनके भारतीय मूल की पहचान को दर्शाता है। उनके दादा वी.ए. सुंदरम भारत की आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय रहे थे।
Canada News: शैक्षणिक उपलब्धियां
अनीता ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।
- बीए (गोल्ड मेडलिस्ट) - क्वीन्स यूनिवर्सिटी, पॉलिटिकल स्टडीज
- बीए (ज्यूरिसपुडेंस) - ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
- लॉ डिग्री - डलहौजी यूनिवर्सिटी
- मास्टर्स इन लॉ - टोरंटो यूनिवर्सिटी
राजनीति में आने से पहले वे कॉरपोरेट गवर्नेंस और वित्तीय नियमन में प्रोफेसर रह चुकी हैं।
राजनीति में प्रवेश और अनुभव
2019 में अनीता ने राजनीति में कदम रखा और ओंटारियो के ओकविल से लिबरल पार्टी की सांसद चुनी गईं। वह कनाडा की पहली हिंदू महिला सांसद बनीं और उसी वर्ष केंद्रीय मंत्री भी नियुक्त हुईं।
वह ट्रांसपोर्ट और रक्षा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाल चुकी हैं। जनवरी 2025 में उन्होंने संन्यास की घोषणा की थी लेकिन आम चुनावों में दोबारा जीत दर्ज करने के बाद प्रधानमंत्री कार्नी ने उन्हें कैबिनेट में वापस बुला लिया।
Canada News: भारत-कनाडा रिश्तों पर अहम भूमिका
विदेश मंत्री के रूप में अनीता के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारना होगी। हाल ही में प्रधानमंत्री कार्नी ने दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने की बात कही थी।
साथ ही उन्हें अमेरिका के साथ संवेदनशील रणनीतिक मुद्दों पर भी काम करना होगा, खासकर ट्रंप के फिर से सत्ता में आने की स्थिति में।
कोविड संकट में निभाई अहम भूमिका
कोविड-19 महामारी के समय अनीता ने पब्लिक सर्विसेज एंड प्रोकीउरमेंट मंत्रालय का नेतृत्व किया और कनाडा के लिए वैक्सीन व स्वास्थ्य सामग्री की खरीदी सुनिश्चित की।
2021 में वह रक्षा मंत्री बनीं, जहां उन्होंने यूक्रेन को समर्थन देने और कनाडाई सेना में महिलाओं से जुड़े मामलों पर ठोस कदम उठाए।
Canada News: नए मंत्रिमंडल में प्राथमिकताएं
मार्क कार्नी की सरकार का फोकस अब अमेरिका के साथ आर्थिक और सुरक्षा संबंध मजबूत करने, लिविंग कॉस्ट कम करने, और कनाडा की अर्थव्यवस्था को गति देने पर है।
इसके अलावा, पंजाबी मूल के मनींदर सिद्धू को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री बनाया गया है, जिससे भारतीय डायस्पोरा की भूमिका और मजबूत हुई है।