Registration Act 2025: 117 साल पुराने भूमि रजिस्ट्रेशन कानून की जगह नया डिजिटल सिस्टम

भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए डिजिटल प्रणाली लागू करने की तैयारी, नया बिल करेगा पुराने कानून की जगह;

Update: 2025-05-28 05:55 GMT

Registration Act 2025: केंद्र सरकार ने 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन अधिनियम को खत्म कर एक नया विधेयक लाने की तैयारी कर ली है, जिसमें संपत्ति के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और दस्तावेजों के डिजिटल रिकॉर्ड को अनिवार्य किया जाएगा। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया जा रहा है।

पुराना कानून अब अतीत की बात

केंद्र सरकार एक नया कानून लाने जा रही है जो 1908 के Registration Act को पूरी तरह से बदल देगा। इसका मकसद संपत्ति रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग ने इस नए विधेयक का मसौदा जनता से सुझावों के लिए जारी किया है।

Registration Act 2025: देशभर में एक जैसा होगा कानून

हालांकि वर्तमान कानून सभी राज्यों में लागू है, लेकिन राज्यों को इसमें बदलाव करने की छूट है। कई राज्यों ने पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर दी है। अब केंद्र सरकार एक 統統िक कानून लाकर पूरे भारत में एक समान प्रणाली लागू करना चाहती है।

किन दस्तावेजों का होगा रजिस्ट्रेशन?

नए विधेयक में निम्न दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है:

  • एग्रीमेंट टू सेल (Agreement to Sale)
  • पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)
  • सेल सर्टिफिकेट (Sale Certificate)
  • इक्विटेबल मॉर्गेज (Equitable Mortgage)

Registration Act 2025: आधार आधारित वेरिफिकेशन अनिवार्य (या विकल्प सहित)

इस बिल के तहत संपत्ति रजिस्ट्रेशन के लिए आधार आधारित पहचान सत्यापन जरूरी किया जाएगा, लेकिन यदि कोई व्यक्ति आधार साझा नहीं करना चाहता तो उसके लिए वैकल्पिक सत्यापन व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। यह बदलाव फर्जीवाड़ा रोकने में मददगार साबित हो सकता है।

डिजिटल दस्तावेज और ई-रजिस्ट्री की सुविधा

अब दस्तावेजों की फिजिकल कॉपी की आवश्यकता नहीं होगी। सभी जरूरी कागज़ात की ई-प्रस्तुति (e-submission) और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की जा सकेगी। साथ ही, सरकार इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और डिजिटल रिकॉर्ड को भी अधिकृत करने जा रही है।

Registration Act 2025: भविष्य के लिए आधुनिक कानून

भूमि संसाधन विभाग ने कहा, "तकनीक के बढ़ते उपयोग और दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता पर बढ़ती निर्भरता ने एक आधुनिक और डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की आवश्यकता को उजागर किया है।" विभाग ने जनता से इस मसौदे पर राय देने की अपील भी की है।

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