India Pakistan Ceasefire: भारत-पाक संघर्ष विराम: जयशंकर ने ट्रंप की भूमिका पर तोड़ी चुप्पी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया भारत-पाक सीजफायर की सच्चाई, बोले- श्रेय भारतीय सेना को जाता है;
India Pakistan Ceasefire: अमेरिका लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (Ceasefire) का श्रेय खुद को देता आया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर शांति बहाल कराई। हालांकि भारत इस दावे को बार-बार खारिज करता रहा है। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा है कि सीजफायर का श्रेय भारतीय सेना को ही जाता है, जिसने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर किया।
ट्रंप के दावे पर जयशंकर का करारा जवाब
जर्मनी के अखबार Frankfurter Allgemeine Zeitung को दिए एक इंटरव्यू में जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पूछा गया कि क्या अमेरिका को भारत-पाक संघर्ष विराम का क्रेडिट देना चाहिए, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से इनकार किया। जयशंकर ने कहा, "मैं इसके लिए भारतीय सेना का आभार व्यक्त करूंगा, न कि किसी अन्य देश का।" उन्होंने यह भी बताया कि संघर्ष विराम की सहमति दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सीधे संपर्क के माध्यम से बनी थी।
India Pakistan Ceasefire: सेना की कार्रवाई ने बदले हालात
जयशंकर ने बताया कि संघर्ष विराम से ठीक पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया था। इस सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को अपनी स्थिति का आकलन करना पड़ा और उसने बातचीत के जरिए संघर्ष विराम की पहल की।
सीजफायर की पृष्ठभूमि
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को संघर्ष विराम की सहमति बनी थी। इससे पहले 7 मई को भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी अड्डों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत हवाई हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की पेशकश की।
India Pakistan Ceasefire: ट्रंप की भूमिका को लेकर भारत की स्थिति
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह दावा करते रहे हैं कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बनी, लेकिन भारत सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। जयशंकर ने साफ किया कि अमेरिका ने सिर्फ अपनी चिंता जताई थी, मध्यस्थता जैसी कोई भूमिका नहीं निभाई।
हालात सामान्य हुए या नहीं?
इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि हालात पूरी तरह सामान्य नहीं कहे जा सकते, लेकिन हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद का रास्ता चुनने वालों को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अप्रैल में पाकिस्तानी सेना की ओर से हुई गोलीबारी का जवाब भारतीय सेना ने भी दिया। इसी कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ा।