Delhi News: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे 10 बांग्लादेशी गिरफ्तार

किन्नर बनकर उगाही कर रहे चार बांग्लादेशियों सहित छह महिलाएं पुलिस के शिकंजे में;

Update: 2025-05-05 06:05 GMT

Delhi News: पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम जिले की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में अवैध रूप से भारत में रह रहे 10 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें छह महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं जो किन्नर बनकर लोगों से उगाही कर रहे थे। सभी के पास वैध दस्तावेज नहीं थे और इन्हें जल्द ही देश से निर्वासित किया जाएगा। पुलिस अब इनकी भारत में घुसपैठ कराने और ठहराने में मदद करने वालों की तलाश कर रही है।

पूर्वी दिल्ली में छह बांग्लादेशी महिलाएं पकड़ी गईं

पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अभिषेक धनिया ने जानकारी दी कि मंडावली के धीरज ब्लॉक इलाके में एक बांग्लादेशी महिला की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके आधार पर पुलिस टीम ने छापा मारकर उस महिला को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर पहाड़गंज से पांच अन्य महिलाओं को पकड़ा गया।

गिरफ्तार महिलाओं की पहचान मिम अख्तर (23), मीना बेगम (35), शेख मुन्नी (36), पायल शेख (25), सोनिया अख्तर (36), और तानिया खान (34) के रूप में हुई है। सभी पिछले एक से दो वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रही थीं और इनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले।

Delhi News: किन्नर बनकर कर रहे थे उगाही, सर्जरी तक करवाई

उत्तर-पश्चिम जिले की फॉरेनर्स सेल की विशेष टीम ने आजादपुर सब्ज़ी मंडी के पास से चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया। ये सभी किन्नर का रूप धरकर भीख मांगने और उगाही करने का काम कर रहे थे। इनके पास से दो स्मार्टफोन भी जब्त किए गए हैं, जिनमें प्रतिबंधित एप इंस्टॉल थे। इन एप्स की मदद से ये अपने परिवार वालों से बांग्लादेश में संपर्क कर रहे थे।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद अरमान उर्फ ईशा, मोहम्मद आरिफ उर्फ शिल्पा, मोहम्मद जाहिद उर्फ मौसम, और मोहम्मद बबुल उर्फ पाखी के रूप में हुई है। ये सभी बांग्लादेश के ढाका और नारायणगंज के निवासी हैं। डीसीपी भिष्म सिंह के अनुसार, ये ट्रेन के जरिए एजेंटों की मदद से भारत में घुसे थे और पहचान छिपाने के लिए इन्होंने सर्जरी और हार्मोनल इंजेक्शन का सहारा लिया।

मददगारों की तलाश में जुटी पुलिस

पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, जिन लोगों ने इन्हें भारत में अवैध रूप से प्रवेश कराने और रहने में सहायता दी, उनकी पहचान करने के प्रयास भी तेज़ कर दिए गए हैं।

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